हाशिए के हासिल
अपने परिवेश और अपनी परिस्थियों को साक्षी बनाकर जो कुछ भी अनुभूतियाँ होती हैं उनकी अभिव्यक्ति यहाँ हो जाती है । कभी आपबीती तो कभी जगबीती । कभी फुरसत से, कभी जल्दी में। कोशिश रहती है बातों- बातों में कुछ सरस, सरल, सुपाच्य सामग्री का जुगाड़ जुगाली के लिए किया जा सके ।
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सोमवार, 4 जुलाई 2022
बुधवार, 18 मई 2022
मंगलवार, 10 मई 2022
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022
सोमवार, 25 अप्रैल 2022
शनिवार, 23 अप्रैल 2022